इलाहाबाद के एक विधायक राजू पाल की अतीक अहमद के गुंडों ने हत्या की थी (सन 2005)। अतीक अहमद समाजवादी पार्टी से उस समय सांसद थे। उसके कुछ साल बाद राजू पाल की विधवा पूजा पाल बसपा के टिकट से अपने पति के हत्यारोपी अशरफ(अतीक अहमद के भाई) को हराकर विधायक बनी थीं। जनता ने इमोशनल होकर उनको थोक में वोट दिया था (सन 2007)। अब खबर ये आई है कि पूजा पाल फिलहाल उसी समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ रही हैं जिसके सांसद ने उसके पति की सरेआम हत्या करवाई थी (सन 2019)। जब पति के हत्यारों से हमारे राजनीतिज्ञ समझौता कर सकते हैं तो आप समझ लीजिए देश के साथ वो क्या करेंगे? सत्ता चीज ही ऐसी है जिसका चश्का एक बार लग जाये तो रिश्ते तक बेमानी हो जाते हैं... बाकी जनता का क्या है? उसके माथे पर तो कैपीटल C लिखा ही हुआ है।