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कश्मीर और वर्तमान राजनीति

मोटा भाई और मोदी जी
राजनीतिक हास्यास्पद पहलू यह है
कि
वो सभी राजनीतिक दल
जो कश्मीर मुद्दे पर सरकार का विरोध कर रहे हैं
वो
यह भूल जा रहे हैं
कि
उन्हें चुनाव शेष भारत में ही लड़ना है
ना कि कश्मीर में

और वो इतने अंधे हो चुके हैं
कि
उन्हें यह भी नहीं दिख रहा
कि
कल तक घोर मोदी विरोधी रहे लोग भी
कश्मीर मुद्दे पर खुलेआम खुशी जाहिर कर रहे हैं

कल जब इन्हीं लोगों के सामने
आप वोट मांगने आओगे
तो क्या
ये लोग
आपके इस घिनौने पाकिस्तान प्रेम को भूल कर आपको वोट देंगे ?

लोगों की आँखें पूरी तरह खुल चुकी हैं
उन्हें आपका सच समझ आ गया है

कल तक जिन्हें लग रहा था
कि
अनुच्छेद 370 पर भाजपा सिर्फ राजनीति करती आई है
लेकिन करेगी कुछ नहीं

उन सब ने भी आज देख लिया
कि
भाजपा ने अपनी कही बात पूरी करके दिख दिया है

मोदी और शाह ने भरपूर तैयारी किया
उस तैयारी में उन्हें भले कुछ समय लगा
लेकिन
अपना किया वादा उन्होंने निभा दिया

और उनके विरोधी
सिर्फ दोगलाई करते रह गए

आज जब मौका है
तब भी वो भारत के पक्ष में बोलने के बजाए
भारत के विरोध में बोल रहे हैं

ऐसे में
कौन इतना बड़ा बेवकूफ होगा
जो
इन विपक्षी दलों को वोट देगा ?

इन अक्ल के अंधों ने अपनी मूर्खता में
अपने हाथों अपनी राजनीति का अंतिम संस्कार कर लिया
और फिर
चुनाव हारते ही
नौटंकी शुरू कर देंगे
कि
EVM में गड़बड़ी है

अरे खोट तो तुम्हारी बुद्धि में है
जो अपने ही राष्ट्र का अहित करने पर तुले हुए हो

देश की जनता उतनी अक़्लमंद हो या ना हो
पर
जनता गद्दार नहीं होती

और ना ही जनता
देश का बुरा चाहने वालों का साथ देती है

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