NDTV वाले रवीश जी कल से गालियों वाले मैसेज के स्क्रीनशॉट सोश्ल मीडिया पर चिपकाए जा रहे हैं
वैसे वो बड़े बुद्धिजीवी प्रजाति के जीव हैं
इसलिए मैं सिर्फ इतना ही कहूँगा
कि
यदि कश्मीर में सेना पर पत्थर फेंकने वालों के लिए सेना और सरकार की नीतियाँ जिम्मेदार हैं
तो फिर क्यूँ ना मोबाइल पर गाली-गलौज करने वालों के लिए रवीश कुमार और एनडीटीवी की खबरों को जिम्मेदार माना जाए ?
यदि आतंकवादी भटके हुए नौजवान हैं तो ये गाली-गलौज करने वालों को क्यूँ भटका हुआ ना मान लें ?
लॉजिक तो वही है ना ?
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इसीलिए बेहतर है गलत को गलत कहना सीखें
प्रसिद्धि पाने के लिए, राजनीतिक लाभ के लिए, अपने आकाओं की इच्छापूर्ति के लिए या पैसे कमाने के लिए
गलत को सही कहेंगे
तो
कल को वही चीज़ घूम कर आपको भी चोट करेगी
वैसे मुझे याद है रवीश जी
जब दिल्ली की कुछ छात्राएँ प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री को भद्दी गालियां दे रही थीं
और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीटा था
तो आप प्रदर्शनकारियों का पक्ष ले रहे थे
तो ये जो गाली-गलौज की संस्कृति है ना
इसे बढ़ावा देने में आपका भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान है
शानदार लेख..रविश के अजेंडे की पोल खोलता लेख..
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